दोस्ती का हर फ़र्ज़ अदा किया हमने,
आपकी बेरुखी को भी अपना कहा हमने ।
यूँ तो ज़माने ने बहुत कुछ सिखाया हमको ,
पर आपने अपनी वफ़ा के लिए बहुत तरसाया हमको ।
हमारी क्या मजाल थी की हम तुमसे दूर जाने की सोंचते ,
पर तुमने तो अपने ही गले से लगा के रुलाया हमको ।।
"पर तुमने तो अपने ही गले से लगा के रुलाया हमको ।।"
ReplyDeleteएक सच्चाई..कसक...और लाजवाब..!!