Thursday, June 16, 2016

रात कैसे गुजर गई ...


रात कैसे गुजर गई 
चाँद निहारते निहारते 
वक़्त का कुछ पता न चला !

इतनी कशिश न तुम्हारी बातों में थी 
न ही तुम्हारी यादों में 
जो हमें पूरी रात जगा सकते !!!

Sunday, June 12, 2016

दिल टूटने का ज़िक्र हम करना नहीं चाहते ...

दिल टूटने का ज़िक्र हम करना नहीं चाहते
तुम्हारी यादों के साये में हम रहना नहीं चाहते
वक़्त रहते ही संभलने की कोशिश करेंगे हम
इस खुदगर्ज़ दुनिया में बेवक़्त मरना नहीं चाहते हम !!!

Wednesday, June 01, 2016

डरती हूँ ...

सीप में  मोतियों की तरह
सजाया है तुझे इस दिल में
डरती हूँ  कि  कहीं
तुझे कोई चुरा न ले !!!