गुज़रे हुए लम्हों को कौन याद रखता है,
बीत गया जो पल उसका किसको एहसास होता है।
चार दिनों की है ये ज़िन्दगी,
जिसमें हर कोई ख़ुशी तलाशता है।
मिल गई तो अच्छा न मिली
तो दूजी राह पकड़ता है,
जहाँ उसे ये नहीं पता कि
खुशियाँ मिलेंगी भी या नहीं
पर फिर भी हर बार वो
अपनी किस्मत अजमाता है।।
awesome .....
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