कब्र खोदने से सुकून नहीं मिलता
न ही ज़िन्दगी की खोई हुई वो शाम !
खुद को बदलने के लिए हौंसला ही काफी है
मिलता नहीं मांगने से वो आसमाँ !
फ़रिश्ते हमें मिलते नहीं यूँ ही
न ही मिलता है ज़िन्दगी का वो एहसास !
काश कि ऐसा होता काश कि वैसा होता
उम्मीदों का ताना बाना कुछ ऐसा ही होता है !
जो मिलें हैं ये पल नसीब से
वो कुछ तुम्हारे हैं और कुछ हमारे !
न डालो फ़िक्र की राख अब तुम इनपे
कि अब वक़्त नहीं है फिर धूमिल होने का !!