Thursday, March 19, 2015

वक़्त को वक़्त की क्या जरूरत...

कहतें हैं वक़्त हर
जख्म को भर देता है
फिर वक़्त को वक़्त की
क्या जरूरत !!!


10 comments:

  1. आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल शुक्रवार (20-03-2015) को "शब्दों की तलवार" (चर्चा - 1923) पर भी होगी।
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
    --
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ...
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

    ReplyDelete
  2. बहुत बढ़िया ..
    वक़्त शायद फिर से जख्म भरने चले आता है ..

    ReplyDelete
  3. सुन्दर पंक्तियाँ

    ReplyDelete
  4. वक्त को नहीं,जख्म को है।

    ReplyDelete
  5. सच कहा ... वक्त अपने आप में सम्पूर्ण है ...

    ReplyDelete
  6. बहुत खूब, मंगलकामनाएं आपको !

    ReplyDelete
  7. बहुत खूब...
    पर वक़्त तो लगता हैं...

    ReplyDelete
  8. बहुत सुन्दर सृजन, बधाई
    मेरे ब्लाग पर भी आप जैसे गुणीजनो का मार्गदर्शन प्रार्थनीय है

    ReplyDelete
  9. बहुत खूब। कृप्‍या समय निकाल कर नई पोस्‍ट हम सबको दीजिए।

    ReplyDelete