कभी उन्हें हम पर गुस्सा आता था
कभी हमें उन पर गुस्सा आता था,
जब एक्स्ट्रा क्लासेस में वो हमें बार -बार बुलाते थे ,
और हम क्लासरूम से बंक करके भाग जाते थे ।
फिर अगले दिन वो हम पर चिल्लाते थे ,
और हम बेशरम सर झुकाकर माफ़ी भी मांगते थे।
कभी उनका कहना सुनते थे तो कभी ,
अपनी मनमानी करते थे ।
कभी क्लास के टाइम पर कंटीन में पाए जाते थे ,
तो कभी सिरदर्द का बहाना कर हॉस्टल में सोते पाए जाते थे।
इतनी गलतियों के बावजूद उन्होंने हमें सिखाया ,
और आज हमें इस लायक बनाया ।
हम आज शुक्रिया कहतें हैं उन सभी शिक्षकों को ,
जिन्होंने हमें इस मुकाम तक पहुँचाया।
क्योंकि वह गुरु कि भूमिका निभा रहे थे
ReplyDeleteशिक्षक दिवस पर हार्दिक शुभकामनायें एवं बधाई
सार्थक पोस्ट, आभार.
ReplyDeleteकृपया मेरे ब्लॉग" meri kavitayen" की नवीनतम पोस्ट पर भी पधारें, आभारी होऊंगा .
हमने आपकी इस कविता को अपने फ़ेसबुक पर पहुँचाया ............कभी मेरे ब्लॉग पर भी पधारे
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