हम ज़िन्दगी से ऐसे क्यों हार जाते हैं,
एक ही पल में सारा जहाँ झोड़ जातें हैं|
क्या चाहत है हमारी ज़िन्दगी से ,
हम उस पल वो भी भूल जातें हैं|
लोग कहतें हैं ये तो खेल है कुदरत का ,
ये तो किस्मत में लिखा है उस खुदा ने|
अगर कहीं खुदा है इस जहाँ में,
तो वो इतना बड़ा दर्द हमें कैसे दे पाता है||
एक ही पल में सारा जहाँ झोड़ जातें हैं|
क्या चाहत है हमारी ज़िन्दगी से ,
हम उस पल वो भी भूल जातें हैं|
लोग कहतें हैं ये तो खेल है कुदरत का ,
ये तो किस्मत में लिखा है उस खुदा ने|
अगर कहीं खुदा है इस जहाँ में,
तो वो इतना बड़ा दर्द हमें कैसे दे पाता है||