ज़माने हो गए तुमको ये बताये हुए
कि तुम्हारा खयाल आता है मुझे
पर कभी - कभी वक़्त की कमी
हो जाती है...
फ़िक्र तुम्हारी आज भी उतनी ही है
जितनी कल किया करते थे
और वादा रहा कि
ताउम्र करते रहेंगे
तुम फौलाद हो
तुम आग का दरिया हो
तुम कमजोर नहीं थी
न ही कभी हम होने देंगे
बन के परछाईं तुम्हारी
हर वक़्त तुम्हारे साथ
खड़े होंगे !
नहीं दे सकती हिसाब
उन अनगिनत रातों का
जब तुम्हारी नींद उड़ा के
हम खुद चैन से सोए हैं
तुमने अपने आँखों के
आंसू छुपा के
हमारे चेहरे पे
ये जो मुस्कान दी है
नहीं उतार सकते तुम्हारा ये कर्ज
बस एक वादा करते हैं
कभी तुम्हारी आंखों को
अब फिर से नम न होने देंगे
हाँथ पकड़ के तुम्हारा
हर वक़्त साथ खड़े होंगे !!
कि तुम्हारा खयाल आता है मुझे
पर कभी - कभी वक़्त की कमी
हो जाती है...
फ़िक्र तुम्हारी आज भी उतनी ही है
जितनी कल किया करते थे
और वादा रहा कि
ताउम्र करते रहेंगे
तुम फौलाद हो
तुम आग का दरिया हो
तुम कमजोर नहीं थी
न ही कभी हम होने देंगे
बन के परछाईं तुम्हारी
हर वक़्त तुम्हारे साथ
खड़े होंगे !
नहीं दे सकती हिसाब
उन अनगिनत रातों का
जब तुम्हारी नींद उड़ा के
हम खुद चैन से सोए हैं
तुमने अपने आँखों के
आंसू छुपा के
हमारे चेहरे पे
ये जो मुस्कान दी है
नहीं उतार सकते तुम्हारा ये कर्ज
बस एक वादा करते हैं
कभी तुम्हारी आंखों को
अब फिर से नम न होने देंगे
हाँथ पकड़ के तुम्हारा
हर वक़्त साथ खड़े होंगे !!