तेरा अल्लहड़पन याद आएगा,
तेरी ये अनसुलझी बातें याद आएंगी !
तेरे संग बिताये इन लम्हों में,
तेरी महकी सी याद आएगी !
कह नहीं सकती कि तू दिल के करीब है कितना,
तेरे संग गुजरा हर लम्हा याद आएगा !
तेरी ये बातें ये मुलाकातें
सबकुछ संभाल के,
रखूँगी इस दिल में !
जा रही है तू यहाँ से ..
मत समझ जा रही है तू दिल से,
बस पंख खोल के उड़ना
इस खुले आसमाँ में !
ज़मी तेरी है और ये आसमाँ भी तेरा है...
बस बुन लेना सपनो की चादर को ,
और उड़ जाना इस खुलेआसमाँ में !!