आज कुछ वक़्त मिला तो सोंचा
ज़िन्दगी के कुछ पन्ने पलट के देख लूँ
सुना था लोगों को कहते हुए
कि ज़िन्दगी इतनी आसाँ नहीं होती
शायद ये बात अब समझ में आई
हालाँकि सुनने और समझने में
फरक बहुत है
तभी तो शायद इतना वक़्त लग गया
इस फरक को समझने में
हाँ कदम थोड़े डगमगाए जरूर थे
लेकिन हौंसले की कमी न थी !!!
जिंदगी ही बताती है कि वो क्या है....पर वक्त आने पर। अच्छा लिखा।
ReplyDeleteबहुत सुन्दर
ReplyDeleteवाह! बहुत ख़ूब
ReplyDeleteबस होंसला ही जरूरी है ...जिंदगी आसान तो कभी भी नहीं होती ...
ReplyDeleteबहुत सुन्दर
ReplyDeleteसुन्दर सृजन
ReplyDeleteAwesome dear
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