अजीब सी कसक है इन आँखों में
एक सूनापन या
किसी के आने का इन्तज़ार
एक गुजरा लम्हा या
एक नए सपने की आस
तुम्हारी आहट तो सुनाई देती है
पर तुम दिखाई नहीं देते
उफ़ ये डरी सी सहमी सी आँखे
कुछ तो कहना चाहती हैं
बारिश की हर गिरती बूँद के साथ
तुम्हारी राह तकना चाहती हैं
कभी तो कुछ तो बोलोगे
कुछ तो कहोगे
इस आस में बेपनाह
तुम्हारी राह तकना
चाहती हैं !!!
एक सूनापन या
किसी के आने का इन्तज़ार
एक गुजरा लम्हा या
एक नए सपने की आस
तुम्हारी आहट तो सुनाई देती है
पर तुम दिखाई नहीं देते
उफ़ ये डरी सी सहमी सी आँखे
कुछ तो कहना चाहती हैं
बारिश की हर गिरती बूँद के साथ
तुम्हारी राह तकना चाहती हैं
कभी तो कुछ तो बोलोगे
कुछ तो कहोगे
इस आस में बेपनाह
तुम्हारी राह तकना
चाहती हैं !!!