आज किनारे पर बैठकर
समंदर की लहरो को देखा
तो ख्याल आया
कहीं न कहीं ये समंदर
तुम्हे छू रहा होगा
कुछ अलग ही एहसास था
हाँ शायद …
तुमसे दूर होने का
या समंदर के सहारे
तुम्हे अपने पास
महसूस करने का
पता नहीं…
पर हाँ किनारे बैठकर
बार बार दिल यही
कह रहा था …
इस समंदर के किसी
छोर पर तुम हो
ये प्यारा सा एहसास
शायद मुझे कहीं छू रहा था!!
समंदर की लहरो को देखा
तो ख्याल आया
कहीं न कहीं ये समंदर
तुम्हे छू रहा होगा
कुछ अलग ही एहसास था
हाँ शायद …
तुमसे दूर होने का
या समंदर के सहारे
तुम्हे अपने पास
महसूस करने का
पता नहीं…
पर हाँ किनारे बैठकर
बार बार दिल यही
कह रहा था …
इस समंदर के किसी
छोर पर तुम हो
ये प्यारा सा एहसास
शायद मुझे कहीं छू रहा था!!