तेरा प्यार हम इस तरह निभायेंगे,
तुम रोज खफा होना,हम रोज मनायेगें
पर मान जाना मनाने से तुम,
वरना ये भीगी पलके ले कर कहाँ जायेंगे हम ?
Passionate about poetry, nature and human psychology. A wanderer, firm believer of creativity, the best quality a person can acquire in his lifetime. This is the blog of Pratibha Verma.
Saturday, September 16, 2006
मुशकिल,..
चलते हुऎ तुफ़ान को रॊक पाना है मुशकिल,
टूटॆ हुऎ शीशॆ को जोड पाना है मुशकिल,
दिल आपको याद करता है कितना,
कुछ पंक्तियॊं में लिख पाना है मुशकिल ।
टूटॆ हुऎ शीशॆ को जोड पाना है मुशकिल,
दिल आपको याद करता है कितना,
कुछ पंक्तियॊं में लिख पाना है मुशकिल ।
जन्नत,..
महक दोस्ती की इश्क से कम नही होती,
सिर्फ़ इश्क पर दुनिया खत्म नही होती,
साथ अगर हो जिंदगी में आप जैसे का,
जिंदगी जन्नत से कम नही होती ।
सिर्फ़ इश्क पर दुनिया खत्म नही होती,
साथ अगर हो जिंदगी में आप जैसे का,
जिंदगी जन्नत से कम नही होती ।
यादें ,..
आज हम यहाँ,कल हमारी यादॆं होंगी
जब हम ना होंगे,तब हमारी बातें होंगी,
कभी पलटोगे जिंदगी के ये पन्नॆ,
तो शायद आपकी आखोँ से भी बरसातॆ होंगी ।
जब हम ना होंगे,तब हमारी बातें होंगी,
कभी पलटोगे जिंदगी के ये पन्नॆ,
तो शायद आपकी आखोँ से भी बरसातॆ होंगी ।
Monday, July 17, 2006
याद किया करती हूँ,..
दर्द के दरबार में फ़रियाद किया करती हूँ,
रात तन्हाई की आबाद किया करती हूँ,
जब न मिले चाहत का कोई बहाना,
तब पलकें बन्द करके आपको याद किया करती हूँ ।
रात तन्हाई की आबाद किया करती हूँ,
जब न मिले चाहत का कोई बहाना,
तब पलकें बन्द करके आपको याद किया करती हूँ ।
Thursday, July 13, 2006
आईने की तलाश,..
खुद को समझाना चाहती हूँ,
हर दर्द खुद से बतलाना चाहती हूँ
आज गर कोई पास होता मेरे,
तो ऐसा करने की चाहत ना होती
हर कागज पर इक आईना,
तलाशने की हसरत न होती ।
हर दर्द खुद से बतलाना चाहती हूँ
आज गर कोई पास होता मेरे,
तो ऐसा करने की चाहत ना होती
हर कागज पर इक आईना,
तलाशने की हसरत न होती ।
Wednesday, July 12, 2006
जुबानी मेरी,..
खामोशियों से पूछो कहानी मेरी,
तुम्हे पता चल जिन्दगानी मेरी,
मुझे खामोशी ने समझा,
और तन्हाईयों ने जाना है,
यही बतला देगें जुबानी मेरी ।
तुम्हे पता चल जिन्दगानी मेरी,
मुझे खामोशी ने समझा,
और तन्हाईयों ने जाना है,
यही बतला देगें जुबानी मेरी ।
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