ये रिश्ते बड़े अजीब होते हैं
संजो कर रखो तो सीप
में मोती की तरह दिखतें हैं,
ज़रा सी चूक होने पर
कांच की तरह बिखरतें हैं ,
न दिल को भायें तो
जिगर में काँटों की तरह चुभते हैं,
फिर भी हमें बड़े ही
अजीज़ होतें हैं।।
संजो कर रखो तो सीप
में मोती की तरह दिखतें हैं,
ज़रा सी चूक होने पर
कांच की तरह बिखरतें हैं ,
न दिल को भायें तो
जिगर में काँटों की तरह चुभते हैं,
फिर भी हमें बड़े ही
अजीज़ होतें हैं।।
रिश्ते तो अजीब होते ही हैं प्रतिभा जी इनको बनते बिगड़ते समय नहीं लगता.
ReplyDeleteबहुत सुन्दर और सार्थक प्रस्तुति!
ReplyDeleteवाकई ...
ReplyDeleteबहुत बढ़िया रिश्तों की सच्ची दशा बताई है आपने.
ReplyDeleteअजीब से रिश्तों के अजीज शब्द...बढ़िया .. बेहतरीन ..
ReplyDeleteअजीब से रिश्तों के अजीज शब्द .. बढ़िया ..बेहतरीन ..
ReplyDeleteसच कहा आपने ... रिश्ते फिर भी अजीज होते हैं
ReplyDeleteपोस्ट दिल को छू गयी.कितने खुबसूरत जज्बात डाल दिए हैं आपने.बहुत खूब,
ReplyDeleteरिश्तों से परे कोई नहीं.............किन्तु इन्हे काँच की तरह ही सम्हालना पड़ता है....यह भी एक सच है.......
ReplyDeleteजिगर में काँटों की तरह चुभते हैं,
ReplyDeleteफिर भी हमें बड़े ही
अजीज़ होतें हैं।।-----bahut sahi
बहुत उम्दा ..सच कहा आपने इन रिश्तो में ही हमारे प्राण भी होते हैं जब ये टूटते है तो जैसे हमारे शरीर के किसी अंग को भंग कर दिया ऐसा परतीत होता है
ReplyDeleteआज की मेरी नई रचना जो आपकी प्रतिक्रिया का इंतजार कर रही है
ये कैसी मोहब्बत है
Rishte kaise bhi ho,bas hone chahiye iss zindagi ke lie...
ReplyDeleteसच कहा है बहुत नाज़ुक होते हाँ ये रिश्ते ... समय के रक्त से पालना होता है इसे ... जीवित रखने के लिए ... बहुत खूब ...
ReplyDeleteफिर भी हमें बड़े ही
ReplyDeleteअजीज़ होतें हैं।।
....हमसे जुड़े जो होते हैं...
.आपकी टिपण्णी हमारी शान है .बहुत खूब लिखा है रिश्तों के मनोविज्ञान पर .
ReplyDeleteसुन्दर भाव
ReplyDeleteBAHUT KHOOB ,: VO BADE KHOOSHNASIB HOTE HAIN,RISTE B-MUSHIL NASIB HOTE HAI,CHAHNE VALE TU LAKH NAKAR LE,,YE RISTE JINDGI KE ZARIB HOTE HI
ReplyDeleteफिर भी हमें बड़े ही
ReplyDeleteअजीज़ होतें हैं
..यही तो खासियत है इन रिश्तों की ....भले ही रिसते हों लेकिन रिश्ते ही कहलाते हैं जो देर सवेर अच्छे लगने लगते हैं ..
बहुत बढ़िया
फिर भी हमें बड़े ही
ReplyDeleteअजीज़ होतें हैं
..यही तो खासियत है इन रिश्तों की ....भले ही रिसते हों लेकिन रिश्ते ही कहलाते हैं जो देर सवेर अच्छे लगने लगते हैं ..
बहुत बढ़िया
दिल को छू जाने वाले जज़्बात. रिश्तों को समझना जीवन में महत्त्वपूर्ण है. सुंदर प्रस्तुति.
ReplyDeleteदिल को छू जाने वाले जज़्बात. रिश्तों को समझना जीवन में महत्त्वपूर्ण है. सुंदर प्रस्तुति.
ReplyDeleteफिर भी हमें बड़े ही
ReplyDeleteअजीज़ होतें हैं।।sachhi bat....
वाकई रिश्ते अजीब होते हैं
ReplyDeleteवाह बहुत खूब प्रतिभा दिखाई आपने इस रचना में | आभार |
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