फिर बसन्त आयो रे ...
बहार भरा मौसम लायो रे
खेतों में फूली है
सरसों पीली - पीली
जैसे मानो लगी है
दिल को हरसाने
फिर बसन्त आयो रे ...
बागों में फिर से
पपीहे की पीहू है गूंजी
जैसे मानो कोई सुन्दर
धुन हो छेड़ी
फिर बसन्त आयो रे ...
अठखेलियाँ करती नदी
फिर चली अपनी ही धुन में
देने जीवनदान सबको
फिर बसन्त आयो रे ...
भँवरे ने भी नई कली को
स्पर्श किया
और एक मदहोशी भरा
चुम्बन ले उड़ चला
फिर बसन्त आयो रे ...
हर दिल ने छेड़ी है एक नई धुन
कि अब खुशहाल हुआ जीवन
फिर बसन्त आयो रे
बहार भरा मौसम लायो रे।।
हर दिल ने छेड़ी है एक नई धुन
ReplyDeleteकि अब खुशहाल हुआ जीवन,बहुत सुंदर रचना,
Recent post: गरीबी रेखा की खोज
हर दिल ने छेड़ी है एक नई धुन
ReplyDeleteकि अब खुशहाल हुआ जीवन,बहुत सुंदर रचना,
Recent post: गरीबी रेखा की खोज
बहुत ही सुन्दर बसंत के गुणगान,आभार.
ReplyDelete
ReplyDeleteदिनांक 24 /02/2013 को आपकी यह पोस्ट http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर लिंक की जा रही हैं.आपकी प्रतिक्रिया का स्वागत है .
धन्यवाद!
Very - Very thanks Yashwant ji ...:)
ReplyDeleteबहुत सुन्दर लिखा प्रतिभा | बहुत बहुत बधाई |
ReplyDeleteTamasha-E-Zindagi
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आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल रविवार (24-02-2013) के चर्चा मंच-1165 पर भी होगी. सूचनार्थ
ReplyDeleteबहुत उम्दा पंक्तियाँ ..... वहा बहुत खूब
ReplyDeleteमेरी नई रचना
खुशबू
प्रेमविरह
बहुत उम्दा पंक्तियाँ ..... वहा बहुत खूब एक बहतरीन रचना
ReplyDeleteमेरी नई रचना
खुशबू
प्रेमविरह
मन को भाई इसके अंदर की शब्दों की परछाई !
ReplyDeleteहर दिल ने छेड़ी है एक नई धुन
ReplyDeleteकि अब खुशहाल हुआ जीवन
फिर बसन्त आयो रे
बहार भरा मौसम लायो रे।।........बहुत भावपूर्ण।
Very - Very thanks Arun ji ...:)
ReplyDeleteBahut Hi Sunder....
ReplyDeleteबसंत का सुन्दर वर्णन
ReplyDeleteबसंत के आगमन की सुंदर प्रस्तुति
ReplyDeleteभँवरे ने भी नई कली को
ReplyDeleteस्पर्श किया
और एक मदहोशी भरा
चुम्बन ले उड़ चला
फिर बसन्त आयो रे ...
बसंत की सुंदर छटा बिखेरती खूबसूरत कविता.
ReplyDeleteआपकी टिपण्णी हमें प्रासंगिक बनाए रहती है ,ऊर्जित करती है .बढ़िया बसंत राग .अनंग बसंत .
बढ़िया तराना है बसंत का ,फिर वही फ़साना है बसंत का .शुक्रिया आपकी टिपण्णी का .
ReplyDeleteबहुत अच्छा लिखती हैं, मनभावन रचना है, ऋतुराज के आने पर बूढ़े सेमल तक फगुनाय जाते हैं.
ReplyDeletevakayee me basant aagman ki sundar bhavabhivyakti
ReplyDeleteशानदार रचना
ReplyDeleteप्यारी कविता ....शुभ बसंत
ReplyDeleteBahut khub....
ReplyDeleteबहुत सुन्दर रचना प्रतिभा | आभार
ReplyDeleteकभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण अथवा टिपण्णी के रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें |
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