Friday, February 22, 2013

बसन्त आयो रे ...


  फिर बसन्त  आयो रे ...
बहार भरा मौसम लायो रे 

खेतों में फूली है 
सरसों पीली - पीली 
जैसे मानो लगी है 
दिल को हरसाने 
 फिर बसन्त  आयो रे ...

बागों में फिर से 
पपीहे की पीहू है गूंजी 
जैसे मानो कोई सुन्दर 
धुन हो छेड़ी 
 फिर बसन्त  आयो रे ...

अठखेलियाँ करती नदी 
फिर चली अपनी ही धुन में 
देने जीवनदान सबको 
 फिर बसन्त  आयो रे ...

भँवरे  ने भी नई कली को 
स्पर्श किया 
और एक मदहोशी भरा 
चुम्बन ले उड़ चला 
 फिर बसन्त  आयो रे ...

हर दिल ने छेड़ी है एक नई धुन 
कि अब खुशहाल हुआ जीवन 
  फिर बसन्त  आयो रे
बहार भरा मौसम लायो रे।।


24 comments:

  1. हर दिल ने छेड़ी है एक नई धुन
    कि अब खुशहाल हुआ जीवन,
    बहुत सुंदर रचना,

    Recent post: गरीबी रेखा की खोज

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  2. हर दिल ने छेड़ी है एक नई धुन
    कि अब खुशहाल हुआ जीवन,
    बहुत सुंदर रचना,

    Recent post: गरीबी रेखा की खोज

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  3. बहुत ही सुन्दर बसंत के गुणगान,आभार.

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  4. दिनांक 24 /02/2013 को आपकी यह पोस्ट http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर लिंक की जा रही हैं.आपकी प्रतिक्रिया का स्वागत है .
    धन्यवाद!

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  5. Very - Very thanks Yashwant ji ...:)

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  6. बहुत सुन्दर लिखा प्रतिभा | बहुत बहुत बधाई |


    Tamasha-E-Zindagi
    Tamashaezindagi FB Page

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  7. आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल रविवार (24-02-2013) के चर्चा मंच-1165 पर भी होगी. सूचनार्थ

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  8. बहुत उम्दा पंक्तियाँ ..... वहा बहुत खूब

    मेरी नई रचना

    खुशबू

    प्रेमविरह

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  9. बहुत उम्दा पंक्तियाँ ..... वहा बहुत खूब एक बहतरीन रचना

    मेरी नई रचना

    खुशबू

    प्रेमविरह

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  10. मन को भाई इसके अंदर की शब्दों की परछाई !

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  11. हर दिल ने छेड़ी है एक नई धुन
    कि अब खुशहाल हुआ जीवन
    फिर बसन्त आयो रे
    बहार भरा मौसम लायो रे।।........बहुत भावपूर्ण।

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  12. Very - Very thanks Arun ji ...:)

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  13. बसंत का सुन्दर वर्णन

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  14. बसंत के आगमन की सुंदर प्रस्तुति

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  15. भँवरे ने भी नई कली को
    स्पर्श किया
    और एक मदहोशी भरा
    चुम्बन ले उड़ चला
    फिर बसन्त आयो रे ...

    बसंत की सुंदर छटा बिखेरती खूबसूरत कविता.

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  16. आपकी टिपण्णी हमें प्रासंगिक बनाए रहती है ,ऊर्जित करती है .बढ़िया बसंत राग .अनंग बसंत .

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  17. बढ़िया तराना है बसंत का ,फिर वही फ़साना है बसंत का .शुक्रिया आपकी टिपण्णी का .

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  18. बहुत अच्छा लिखती हैं, मनभावन रचना है, ऋतुराज के आने पर बूढ़े सेमल तक फगुनाय जाते हैं.

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  19. vakayee me basant aagman ki sundar bhavabhivyakti

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  20. शानदार रचना

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  21. प्यारी कविता ....शुभ बसंत

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  22. बहुत सुन्दर रचना प्रतिभा | आभार

    कभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण अथवा टिपण्णी के रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें |
    Tamasha-E-Zindagi
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