किसी को चाहते रहना
खता तो नहीं ...
अपनी चाहत का इजहार करना
गुनाह तो नहीं …
वो रूठने और मनाने की चाहत रखना
पनाहों में बुलाने की ख्वाहिश करना ...
मुकद्दर में लिखा होगा तभी मिलेगा
ये कहकर ...
वक्त को गवांना सही भी तो नहीं
प्यार किया है तो ...
हाँथ बढाकर
उसका इजहार भी तो जरूरी है।।
खता तो नहीं ...
अपनी चाहत का इजहार करना
गुनाह तो नहीं …
वो रूठने और मनाने की चाहत रखना
पनाहों में बुलाने की ख्वाहिश करना ...
मुकद्दर में लिखा होगा तभी मिलेगा
ये कहकर ...
वक्त को गवांना सही भी तो नहीं
प्यार किया है तो ...
हाँथ बढाकर
उसका इजहार भी तो जरूरी है।।
बहुत सही ।
ReplyDeleteसादर
कहते तो हैं की प्यार को किन्हीं शब्दों कि जरूरत नही आँखों की भाषा पढ़ लेती हैं आँखें किन्तु इंतज़ार में वक्त का फिसल जाना भी ठीक नही इस लिए इज़हार भी जरूरी है सुंदर भाव हैं रचना में बहुत बहुत बधाई
ReplyDeleteअपनी चाहत का इजहार करना गुनाह तो नहीं,बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति.
ReplyDeleteSateek Panktiyan
ReplyDeleteयकीनन.....अब तो हाथ बढ़ाकर छीनने का समय आ गया है ...वरना तुम्हारी आँखों के सामने से तुम्हारा हक़ कोई और ले जायेगा और पता भी नहीं चलेगा
ReplyDeleteचाहत का इजहार करना कोई गुनाह तो नहीं,
ReplyDeleteमुहब्बत का इजहार करना भी तो जरूरी है,,,
Recent Post दिन हौले-हौले ढलता है,
बिलकुल सच है ... प्यार है तो इज़हार भी जरूरी है ...
ReplyDeleteइज़हार ज़रूरी ही नहीं,कुंठा मुक्त रहने की वैतरनी है,...और कुंठा मुक्त रहना चाहिए ...बधाई
ReplyDeleteहाँ न....कहे बिना वो जानेगा कैसे....मुकम्मल मोहब्बत कैसे होगी इज़हार के बिना...
ReplyDelete:-)
बहुत सहज अभिव्यक्ति..
अनु
बढ़िया प्रस्तुति .शुक्रिया आपकी टिपण्णी का .
ReplyDeleteबहुत सुन्दर एवं सच
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ReplyDeleteफासले मिटाते रहिये ,इजहारे मोहब्बत ज़रूरी है .
उनसे इजहारे हाल कर बैठे ,
बे खुदी में कमाल कर बैठे .
बाह सुन्दर.
ReplyDeleteबहुत सही कहा आपने ...
ReplyDeleteबिना इजहार के बात आगे बढ़ना भी तो मुश्किल है...
ReplyDeleteसुंदर प्रस्तुति।।।
सिर्फ़ सोचने से काम नहीं चलेगा!
ReplyDeleteअद्भुत , अति उत्तम , क्या कहे इस रचना के बारे में शब्द ही नहीं मेरे पास तो
ReplyDeleteमेरी नई रचना
खुशबू
प्रेमविरह
क्या बात है | इज़हार-ए-मोहब्बत तो बहुत ही ज़रूरी है चाहे बदले में कुछ भी न मिले | अपना दिल खोल कर रख देने का नाम ही तो प्यार है |
ReplyDeleteसुन्दर भावपूर्ण रचना | बधाई
Tamasha-E-Zindagi
Tamashaezindagi FB Page
besak zooruri hai,
ReplyDeleteBahut badhiya baat kahi hai aapne,pr kisi ko kho dene ka dar hume usse chaahte rahna behtar h,ijhaar ke bajay...
ReplyDeleteकुछ लोग इनकार के खौफ़ से इज़हार नहीं करते और ''लम्हे'' जैसी फ़िल्म बन जाती है ।
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