कुछ अनकही सी बातें इस दिल की
कुछ अनकही सी बातें उस दिल की
फिर भी बिना कहे यूँ ही
सबकुछ समझ जाना
इशारों- इशारों में ही
अपनी बातें कह जाना ...
बार- बार वो दिलों का धड़कना
तुम्हें गली से गुजरते देख
मेरा वो सरमा के छुप जाना
फिर रोशनदान से
चुपके से तुम्हे देखना
हाँ आज भी याद है मुझे सबकुछ
नहीं भूली मैं ...
तुम्हारा वो पलट-पलट कर मुझे देखना
फिर दबे पाँव आके मेरा हाथ पकड़ना
और फिर ये कहना
कि रहेंगे हम साथ सदा
तू डरती क्यों है इतना
मैं हूँ न ...
हाँ आज भी याद है तुम्हारा वो साथ
पर तुम नहीं हो आज
जाने कहाँ खो गये
रह गई हैं तो बस तुम्हारी यादें
ये सुनी गलियां
और ये सूनापन मेरी ज़िन्दगी का।।
यही एक खासियत है
ReplyDeleteइशारों- इशारों में ही
अपनी बातें कह जाना ..
सुन्दर रचना
सादर
दिल की बातें दिल से ही बेहतर समझी जा सकती है,बहुत ही सुन्दर रचना।
ReplyDeleteकुछ बाते कहना चाहकर भी अनकही रह जाती है,,,
ReplyDeleteRECENT POST शहीदों की याद में,
बेहतरीन रचना
ReplyDeleteसादर
किशोर प्रेम का बढ़िया शब्द चित्र .
ReplyDeleteयादों का सहार काफी है जिंदगी की शाम के सहारे के लिए......
ReplyDeleteसुन्दर एहसास...
अनु
ReplyDeleteपहला चरण होता है यह प्रेम का जिसे कहतें हैं वायुवीय प्रेम प्लटानिक लव ,दो ज़वान -किशोर दिलों के बीच में वासना रहित प्रेम .सम्मोहन है यह उम्र का हारमोनों का वशीकरण है .प्रेम आगे भी होगा होता रहता है स्वरूप बदलता है प्रतिमान और अर्थ भी .बढ़िया भाव चित्र .
दुर्गा बनके वध करना ही होगा 17 साल पांच महीने वाले जुवेनाइल क्रिमनल का (बाल अपराधी कहना इस ज़ालिम को बालकों का अपमान है ).
ReplyDeleteपहला चरण होता है यह प्रेम का जिसे कहतें हैं वायुवीय प्रेम प्लटानिक लव ,दो ज़वान -किशोर दिलों के बीच में वासना रहित प्रेम .सम्मोहन है यह उम्र का हारमोनों का वशीकरण है .प्रेम आगे भी होगा होता रहता है स्वरूप बदलता है प्रतिमान और अर्थ भी .बढ़िया भाव चित्र .
ram ram bhai
मुखपृष्ठ
रविवार, 3 फरवरी 2013
खाद्य में रेशों का महत्व
http://veerubhai1947.blogspot.in/
नुसखे सेहत के
Badhiya chitran...
ReplyDeleteKuchh baaten,ankahi rahni chahiye..jinhe bas kewal hum mahsus kar sake...muskuraaye aur fir palkon ko bhigoye...
बहुत खूब भाव पूर्ण प्रस्तुति
ReplyDeleteआज की मेरी नई रचना आपके विचारो के इंतजार में
एक शाम तो उधार दो
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