प्रीत की रीत भी बड़ी प्यारी है,
एक महका सा एहसास
तो कभी खुशियों आभास है ये ...
कभी बारिश की बूंदों की तरह
रिमझिम करता सावन है ये ...
कभी बसंत में खिले हुए फूलों पर
भवरों का एहसास है ये ...
तो कभी अँधेरी रातों में
जुगुनुओं की रोशिनी है ये ...
कभी अनछुई सी यादें
तो कभी तुम्हारा एहसास है ये।।
एक महका सा एहसास
तो कभी खुशियों आभास है ये ...
कभी बारिश की बूंदों की तरह
रिमझिम करता सावन है ये ...
कभी बसंत में खिले हुए फूलों पर
भवरों का एहसास है ये ...
तो कभी अँधेरी रातों में
जुगुनुओं की रोशिनी है ये ...
कभी अनछुई सी यादें
तो कभी तुम्हारा एहसास है ये।।
प्रीत एह गहरा एहसास है ... छाया रहता हैं मन मंदिर में हमेशा ... सुन्दर रचना ...
ReplyDeleteबहुत ही बढ़िया
ReplyDeleteसादर
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ReplyDeleteकभी अनछुई सी यादें
तो कभी तुम्हारा एहसास है ये।।-----प्रेम के अहसास की अनछुई
अभिव्यक्ति
बहुत बहुत बधाई
मुद्दते गुजरी तेरी याद भी आई न हमे,
ReplyDeleteऔर हम भूल गए हो तुझे ऐसा भी नही!(फिराक)
बहुत शानदार उम्दा प्रस्तुति,,,
recent post: बसंती रंग छा गया
बढ़िया प्रेम रचना -एहसास तेरी प्रीती का तुझसा ही है प्यारा हमको .
ReplyDeleteसुन्दर अहसास लिए सुन्दर रचना...
ReplyDelete;-)
प्यारा सा बस प्यार - प्यार बेशुमार ......
ReplyDeleteमीत की प्रीत मोहे ऐसो लागी
ReplyDeleteमैं हो गई रे दीवानी
चार पहर अब बीत सकें न
बिन पी सूनी जीवन फुलवारी
बहुत सुन्दर रचना प्रतिभा | बधाई
Tamasha-E-Zindagi
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सुंदर रचना..
ReplyDeleteवाह..
ReplyDeleteबहुत - बहुत शुक्रिया यशवंत जी ...
ReplyDelete♥✿♥❀♥❁•*¨✿❀❁•*¨✫♥❀♥✫¨*•❁❀✿¨*•❁♥❀♥✿♥
♥बसंत-पंचमी की हार्दिक बधाइयां एवं शुभकामनाएं !♥
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प्रीत की रीत भी बड़ी प्यारी है,
एक महका सा एहसास
तो कभी खुशियों का आभास है ये ...
सच है ...
प्रतिभा जी !
सुंदर भाव ! सुंदर कविता !
संपूर्ण बसंत ऋतु सहित
सभी उत्सवों-मंगलदिवसों के लिए
हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं-मंगलकामनाएं !
राजेन्द्र स्वर्णकार
वहा क्या बात है बहुत ही अच्छी रचना
ReplyDeleteउतने ही प्यारे अहसास
मेरी नई रचना
फरियाद
एक स्वतंत्र स्त्री बनने मैं इतनी देर क्यूँ
दिनेश पारीक
बहुत खूब लिखा है एहसासों को शब्द पैरहन पहराया है .
ReplyDeleteप्रेम की खूबसूरत परिभाषा, बहुत खूब
ReplyDeleteप्रीत सतरंगी होती ही है...............प्यारी होती ही है........सर्वथा स्वार्थ विहीन होती है अतः मात्र सच्ची प्रीत अनुकरणीय होती है............
ReplyDeleteप्रीत सतरंगी ही होती है.............
ReplyDeleteBas ye silsilaa rukna nhi chahiye...
ReplyDeleteSundar kavita.