Thursday, February 26, 2015

यादों से अपनी कह दो...

यादों से अपनी कह दो
थोड़ा कम सताया करें
वक़्त बेवक़्त हमें
यूं न रुलाया करें !
हमने कब कहा था
तुमसे दूर जाने को
फैसला तुम्हारा था
तो इन यादें को भी
तुम्ही सम्भालो !!!





8 comments:

  1. ''यादों से अपनी कह दो'' बहुत ही सुंदर कविता है।

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  2. यादें कहा नहीं मानतीं....किसी का भी नहीं....

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  3. वाह , मंगलकामनाएं यादों को !

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  4. यादें अक्सर तंग करती है ... उनकी होती हैं उनके साथ नहीं जाती ...

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  5. वाह क्‍या खूब कहा। ''यादों से अपनी कह दो, थोड़ा कम सताया करो''

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  6. सुंदर भावाभिव्यक्ति...रंग पर्व होली की रंग भरी शुभकामनाएँ।

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  7. Anonymous12:56 PM

    बहुत खूब

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  8. बहुत खूब..

    तुमसे दूर जाने को
    फैसला तुम्हारा था
    तो इन यादें को भी
    तुम्ही सम्भालो !!!

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