हाँ पता है
तुम बढ़ा रही हो
एक नया कदम
एक नई ज़िन्दगी के लिए
खुश हूँ मैं तुम्हारे लिए
बहुत खुश
बस बचाना चाहती हूँ
तुम्हे दुनिया की नज़र से
और हमेंशा
खुश देखना चाहती हूँ
तुमको
जहाँ हो तुम्हारी एक
प्यारी सी दुनिया
एक प्यारा सा संसार
प्यारी सी ज़मीं
एक प्यारा सा आसमान
बस तुम खुश रहो
सलामत रहो सदा
यही दुआ है रब से।।
हमारी भी यही इच्छा है उस नन्हे कदम के लिए.
ReplyDeleteकविता से यदि स्वयं या समय को सम्बद्ध कर सके तो उसका महत्त्व बढ़ जाता है। मैं अपनी 6 दिन की भांजी के पास बैठा हूँ और ये कविता पढ़ी। लगा मैं यही तो कहना चाहता हूँ परी से... धन्यवाद इतनी प्यारी कविता के लिए।
ReplyDeleteकविता से यदि स्वयं या समय को सम्बद्ध कर सके तो उसका महत्त्व बढ़ जाता है। मैं अपनी 6 दिन की भांजी के पास बैठा हूँ और ये कविता पढ़ी। लगा मैं यही तो कहना चाहता हूँ परी से... धन्यवाद इतनी प्यारी कविता के लिए।
ReplyDeleteबहुत बढ़िया
ReplyDeleteसफर की सलामती की हम दुआ करेंगे।
ReplyDeleteबहुत उम्दा अभिव्यक्ति।
नई रचना : इंसान