Friday, February 20, 2015

इस दोस्ती को बहुत ही अज़ीज़ माना है हमने !!!




आज इस दोस्ती को 
वर्षों बीत गए 
नहीं पता कैसे 
अदा करूँ 
शुक्रिया तुम्हारा 
कैसे बीते ये लम्हे 
वक़्त का कुछ 
पता ही न चला 
हाँ पर इतना 
याद है… 
जब भी मुझे 
तुम्हारी जरूरत थी 
तुम हमेंशा मेरे पास थे 
कभी कुछ कहने की 
जरूरत नहीं पड़ी 
तुमने हमेंशा ही 
समझा मुझको
बिना कुछ कहे 
हमेंशा साथ 
खड़े थे तुम मेरे 
मेरे पागलपन को 
भी सराहा तुमने 
माना कि  बहुत 
परेशां किया है तुमको 
पर इस दोस्ती को 
बहुत ही अज़ीज़ माना 
है हमने !!!

10 comments:

  1. बहुत सुंदर ...

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  2. दोस्‍ती को बहुत अज़ीज़ माना है मैंने भी।

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  3. बहुत सुंदर भाव...

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  4. दोस्त जो हर बात में साथ दे वही तो सच्चा दोस्त है ...
    भावपूर्ण रचना ..

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  5. कभी कुछ कहने की
    जरूरत नहीं पड़ी
    तुमने हमेंशा ही
    समझा मुझको...

    बहुत सूंदर.

    http://themissedbeat.blogspot.in/?m=1

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  6. सुन्दर भावपूर्ण रचना!

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