Wednesday, June 04, 2014

आईने की तलाश,..

खुद को समझाना चाहती हूँ,

हर दर्द खुद से बतलाना चाहती हूँ
आज गर कोई पास होता मेरे,
तो ऐसा करने की चाहत ना होती
हर कागज पर इक आईना,
तलाशने की हसरत न होती ।

5 comments:

  1. आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 05-06-2014 को चर्चा मंच पर चर्चा - 1634 में दिया गया है
    आभार

    ReplyDelete

  2. कल 06/जून /2014 को आपकी पोस्ट का लिंक होगा http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर
    धन्यवाद !

    ReplyDelete
  3. कागज़ पर आईने की तलाश- बहुत भावात्मक प्रयोग !

    ReplyDelete