Thursday, July 18, 2013

ये दुनिया ...


ये दुनिया मतलब की दुनिया
न तेरी न मेरी ये  दुनिया

जहाँ न कोई तेरा न कोई मेरा
बस खुद की ख्वाहिशों में डूबी
ये दुनिया

बसा है आशियाँ घरौंदों का जहाँ
मतलबफरोशी इन्सानों
की दुनिया

कहें किसको  अपना नहीं है खबर
आँशुओं  में डूबे
आरमानों  की दुनिया

फिर रहा आदमी कुछ पाने की आश में
सपनों  में खोये
बासिंदों की दुनिया

ये दुनिया मतलब की दुनिया
न तेरी न मेरी ये  दुनिया!!!




5 comments:

  1. अजीब है ये दुनिया....
    ये दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या हो.....

    सुन्दर भाव..
    अनु

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  2. ये दुनिया मतलब की दुनिया
    न तेरी न मेरी ये दुनिया!!!

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  3. Anonymous12:15 PM

    बहुत सुन्दर रचना , आप ने ठीक कहा ,

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  4. बहुत अच्छी रचना, बहुत सुंदर

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