उफ़ ये बारिश और तुम
बिना बताये आ जाते हो
कुछ तो समानता है तुम दोनों में
जहाँ बरस गए धीरे - धीरे कर
उसकी दुनिया
ही उजाड़ डालते हो
फिर तुम्हे फर्क नहीं पड़ता
किसी ने तुम्हे कितनी सिद्दत से चाहा
तुम्हारी तो बस आदत है
लोगों को परेशां करना
उनकी भावनाओं से खेलकर
छोड़ देना
माना कि लोगों की
तुम चाहत हो
ज़रुरत हो
लेकिन इसका मतलब ये तो नहीं
कि तुम उनकी
कदर न करो
लाख बर्बादी का मंज़र लाओ
लाख ज़लज़ला लाओ
पर ये इंसान भी अजीब चीज़
बनाई है खुदा ने
या इसको ज़रुरत ही कुछ
ऐसी दी है ...
कि चाह कर भी
तुम्हे भुला नहीं सकता
तुम्हारे बिना जी नहीं सकता !!
बिना बताये आ जाते हो
कुछ तो समानता है तुम दोनों में
जहाँ बरस गए धीरे - धीरे कर
उसकी दुनिया
ही उजाड़ डालते हो
फिर तुम्हे फर्क नहीं पड़ता
किसी ने तुम्हे कितनी सिद्दत से चाहा
तुम्हारी तो बस आदत है
लोगों को परेशां करना
उनकी भावनाओं से खेलकर
छोड़ देना
माना कि लोगों की
तुम चाहत हो
ज़रुरत हो
लेकिन इसका मतलब ये तो नहीं
कि तुम उनकी
कदर न करो
लाख बर्बादी का मंज़र लाओ
लाख ज़लज़ला लाओ
पर ये इंसान भी अजीब चीज़
बनाई है खुदा ने
या इसको ज़रुरत ही कुछ
ऐसी दी है ...
कि चाह कर भी
तुम्हे भुला नहीं सकता
तुम्हारे बिना जी नहीं सकता !!
पर ये इंसान भी अजीब चीज़
ReplyDeleteबनाई है खुदा ने
या इसको ज़रुरत ही कुछ
ऐसी दी है ...
कि चाह कर भी
तुम्हे भुला नहीं सकता
तुम्हारे बिना जी नहीं सकता !!...wah ! bohat khoob
आपकी रचना कल बुधवार [17-07-2013] को
ReplyDeleteब्लॉग प्रसारण पर
हम पधारे आप भी पधारें |
सादर
सरिता भाटिया
ReplyDeleteबहुत खूब ,बहुत सुन्दर उपमा
latest post सुख -दुःख
बेहद सुन्दर प्रस्तुतीकरण ....!
ReplyDeleteआपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टि की चर्चा कल बुधवार (17-07-2013) के .. !!,उफ़ ये बारिश और पुरसूकून जिंदगी ..........बुधवारीय चर्चा १३७५ !! पर भी होगी!
सादर...!
शशि पुरवार
बहुत सुंदर, शुभकामनाये
ReplyDeleteयहाँ भी पधारे
दिल चाहता है
http://shoryamalik.blogspot.in/2013/07/blog-post_971.html
उफ़ ये बारिश और तुम
ReplyDeleteबिना बताये आ जाते हो
कुछ तो समानता है तुम दोनों में बहुत सुंदर अभिव्यक्ति .......!!
वाह, बारिश के साथ साथ खुदा को भी उलाहना ...
ReplyDeleteउफ़ ये बरसात का मौसम
ReplyDeleteकि चाह कर भी
ReplyDeleteतुम्हे भुला नहीं सकता
तुम्हारे बिना जी नहीं सकता !!
बहुत सुंदर रचना .... शुभकामनाये
यहाँ भी पधारे
http://mausam-jai.blogspot.in/
ये प्रेक का असर है जो बारिश की बूँदें जगा देती हैं दिल में ... भाव भरी रचना ...
ReplyDeleteबहुत सुंदर, शुभकामनाये
ReplyDeleteयहाँ भी पधारे
http://saxenamadanmohan.blogspot.in/
बहुत खूब...
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