अगर तुम न होते
तो न होती उम्मीदें
न होते कोई ज़ज्बात
अगर तुम न होते
तो न होती चाहतें
न होते कोई रिश्ते
अगर तुम न होते
तो न होती आशाएं
न ही होते ये सपने
अगर तुम न होते
तो न धड़कता ये दिल
न ही होता ये प्यार
अगर तुम न होते
तो न होते ये ज़ख्म
न ही होता ये दर्द
अगर तुम न होते
तो न होता ये रूश्वाई का मंज़र
न होते इस दिल के टुकड़े हज़ार !!
तो न होती उम्मीदें
न होते कोई ज़ज्बात
अगर तुम न होते
तो न होती चाहतें
न होते कोई रिश्ते
अगर तुम न होते
तो न होती आशाएं
न ही होते ये सपने
अगर तुम न होते
तो न धड़कता ये दिल
न ही होता ये प्यार
अगर तुम न होते
तो न होते ये ज़ख्म
न ही होता ये दर्द
अगर तुम न होते
तो न होता ये रूश्वाई का मंज़र
न होते इस दिल के टुकड़े हज़ार !!
ReplyDeleteअगर तुम न होते-शायद जिंदगी में कुछ ना होता -बहुत खूब
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बहुत ही बढ़िया
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति!
ReplyDeleteसाझा करने के लिए शुक्रिया!
....खुद में ही लिप्त...प्यारी सी कविता है
ReplyDeleteकोई जीवन में किस हद तक वाबस्ता हो जाता है ...है न...
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