हमारी वो बचपन की दोस्ती
आज भी खास
हमारे इस दिल के और भी पास है
वो बचपन के खेल
वो बचपन की यादें
आज भी याद हैं
हमारा वो लड़ना
वो झगड़ना
और फिर सब पल में भूल जाना
जाके सड़क पर खेलना
भरी धूप में मस्ती करना
और फिर झगड़ते हुए घर आना
कितनी प्यारी हैं ये यादें
कितने प्यारे हैं ये पल
और उससे भी प्यार है ये रिश्ता
यही दोस्ती तेरी
जो आज भी मेरे पास है
और इसीलिए तू आज भी सबसे खास है !!
आज भी खास
हमारे इस दिल के और भी पास है
वो बचपन के खेल
वो बचपन की यादें
आज भी याद हैं
हमारा वो लड़ना
वो झगड़ना
और फिर सब पल में भूल जाना
जाके सड़क पर खेलना
भरी धूप में मस्ती करना
और फिर झगड़ते हुए घर आना
कितनी प्यारी हैं ये यादें
कितने प्यारे हैं ये पल
और उससे भी प्यार है ये रिश्ता
यही दोस्ती तेरी
जो आज भी मेरे पास है
और इसीलिए तू आज भी सबसे खास है !!
बचपन की यादें हमेशा खास होती है .....बेहद खूबसूरत रचना
ReplyDelete.बेहद खूबसूरत रचना
ReplyDeleteप्रतिभा जी, आप में अपने नाम के अनुसार hi प्रतिभा है,इतनी सुंदर कविता लिखी है की मुझे मेरा बच्चपन याद आ गया.
ReplyDeleteधन्यवाद, ऐसी कविता के लिए और वोह भी हिंदी भाषा में. सचमुच सराहनीय है.
बचपन सबसे सुंदर होता है
ReplyDeleteबहुत अच्छा प्रयास
ReplyDeleteबहुत ही बढ़िया
ReplyDeleteसादर
बहुत ही सुन्दर और सार्थक प्रस्तुती,आभार।
ReplyDeletenyc
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