जब तुमने पहली बार
मुझे देखा था
उन झुकी हुई निगाहों से
तब से तुमसे प्यार किया है
जब तुम शरमा के
भाग गई थी
और चुपके से
झरोखे से मुझे
देख रही थी
तब से तुमसे प्यार किया है
तुम्हारी पायल की
वो आवाज़ आज भी
कहीं कैद है
इस दिल के किसी कोने में
तब से तुमसे प्यार किया है
तुम्हारे लबों की वो हंसी
आज भी...
दिल को तसल्ली दे जाती है
तब से तुमसे प्यार किया है
आज भी याद है
वो पीला दुपट्टा तुम्हारा
जिसके कोने से तुम
खेल रही थी
और चोर निगाहों से
मुझे देख रही थी
हाँ तब से तुमसे प्यार किया है!!
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ReplyDeleteमखमली अहसासों के साथ प्यारी रचना
ReplyDeleteबहुत बढ़िया
ReplyDeleteबहुत सुन्दर
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