Wednesday, June 01, 2016

डरती हूँ ...

सीप में  मोतियों की तरह
सजाया है तुझे इस दिल में
डरती हूँ  कि  कहीं
तुझे कोई चुरा न ले !!! 

5 comments:

  1. आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 02-06-2016 को चर्चा मंच पर चर्चा - 2361 में दिया जाएगा
    धन्यवाद

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  2. वाह.. बहुत खूब कहा आपने.

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  3. दिल से कौन चुरा सकता है ...

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  4. बहुत खूब

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