कोई तो बता दो
कि इंसान की पहचान
कैसे की जाए???
कुछ लोग कहते हैं
आँखों से इंसान
पहचाना जाता है
पर गर उसकी आँखें
ही झूठी हों तो क्या??
कुछ लोग कहतें हैं
दिल से इंसान की
पहचान होती है
पर गर उसकी
धड़कन गुम सी हो ???
जानती हूँ नहीं आसाँ है
किसी को समझ पाना
पर गर दिल किसी
को समझने की जिद करे
तो उस दिल का क्या करें !!!
कि इंसान की पहचान
कैसे की जाए???
कुछ लोग कहते हैं
आँखों से इंसान
पहचाना जाता है
पर गर उसकी आँखें
ही झूठी हों तो क्या??
कुछ लोग कहतें हैं
दिल से इंसान की
पहचान होती है
पर गर उसकी
धड़कन गुम सी हो ???
जानती हूँ नहीं आसाँ है
किसी को समझ पाना
पर गर दिल किसी
को समझने की जिद करे
तो उस दिल का क्या करें !!!
बहुत खूब ...यहाँ तो अपने ही दिल को समझ पाना मुस्किल है ....शुभकामनाएँ
ReplyDeletewah ha wah wah ha wah.....
ReplyDeleteबहुत सुन्दर .
ReplyDeleteनई पोस्ट : तेरी आँखें
बहुत सुंदर
ReplyDeleteपहचान और मुस्कान दोनों झूठी है हर इंसान की आज कल...सबने मुखौटा चढ़ा रखा है पहचान हो भी तो कैसे हो? सच्चाई को कुरेदते शब्द।
ReplyDeleteसच में इंसान की फितरत को पहचान पाना बेहद मुश्किल है...सुंदर रचना
ReplyDeleteआज 22/जनवरी/2015 को आपकी पोस्ट का लिंक है http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर
ReplyDeleteधन्यवाद!
Than you so much!!!
Deleteबहुत सुन्दर ..मुश्किल जरूर है इंसान के पहचान
ReplyDeleteमन के भावो को खुबसूरत शब्द दिए है अपने...
ReplyDeleteइंसान ही ऐसा जीव है जिसको पहचान मुश्किल है ...
ReplyDeleteसच में इंसान की को पहचान पाना बेहद मुश्किल है...सुंदर रचना!
ReplyDeleteपहचानना भी मुशकिल हैं
ReplyDeleteदिल जिद भी करे।
वाह वाह।