Thursday, December 25, 2014

माँ तेरे लिए वो ख़ुशी कहाँ से लाऊँ ...

माँ तेरे लिए वो ख़ुशी
कहाँ से लाऊँ
कहाँ से वो तेरा
सुकून लाऊँ
हाँ मैंने वादा किया था
बाबा से..
कि  तुझे हर ख़ुशी दूँगी
और पूरी कोशिश  भी की है
तुझे खुश रखने की
पर पता नहीं तेरे
चेहरे की लाली
कहाँ खो गई
तेरे माथे की बिंदिया
हवा हो गई
बस एक सूनापन
दिखता  है
तेरी आँखों में
समझ नहीं आता
तेरे आँखों की नमी
कैसे हटाऊँ
कैसे तेरी ज़िन्दगी का
सुकून मैं लाऊँ
कोशिश  बस यही है मेरी
कि तेरी ज़िन्दगी में
कोई गम न लाऊँ
तुझे हर ख़ुशी का
एहसास कराऊँ
जो खोया है तूने
मैं लाके नहीं दे सकती
पर कोशिश  यही है
कि तुझे जीने की
एक नई लौ  दिखाऊँ !!!

14 comments:

  1. बहुत सुंदर कविता ॥

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  2. माँ के प्रति समर्पण की गहनता प्रभावित करती है ! सुन्दर रचना !

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  3. कोशिश करना बच्चों का फर्ज है और अपनी तरफ से पूरी करनी चाहिए ... माँ की खुशियों से बढ़ कर कुछ नहीं ....

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  4. बेहतरीन अभिव्यक्ति.....

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  5. ऐसा निस्वार्थ प्रेम केवल एक बेटी का ही हो सकता है...बहुत सुन्दर भावपूर्ण रचना...

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  6. कल 28/दिसंबर/2014 को आपकी पोस्ट का लिंक होगा http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर
    धन्यवाद !

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  7. सुन्दर प्रस्तुति

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  8. गहरे भाव लिये सुंदर अभिव्यक्ति। एक साथ कई रचनाएं पढ़ी आपकी। सुंदर लेखन..नवर्ष की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।

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  9. काफी गहरी और संवेदनशील अभिव्यक्ति। मां के लिये जो भी कहा जाये कम है। एक साथ कई रचनाए पढ़ी आपकी। काफी सुंदर लेखन। नवर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं।

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  10. सुन्दर भावपूर्ण प्रस्तुति.

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  11. अति उत्तम

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  12. आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" गुरुवार, कल 21 जनवरी 2016 को में शामिल किया गया है।
    http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप सादर आमत्रित है ......धन्यवाद !

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  13. आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" गुरुवार, कल 21 जनवरी 2016 को में शामिल किया गया है।
    http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप सादर आमत्रित है ......धन्यवाद !

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