कभी फुरसत में मिलें पल तो हमें बताना
हमारे पास आकर दो लफ्ज़ कह जाना
इस जहाँ में कहाँ है वक्त किसी के पास
मगर तुम तो कुछ पल मेरे साथ बिताना
हमसफ़र हो तो साथ ही चलना
गैरों की तरह यूँ तन्हा न छोड़ना
कहतें हैं की अँधेरे में साया भी साथ छोड़ देता है
पर तुम ऐसे अंधेरों से मुझे बचाना
जब कभी निराशाओं से घिरुं मैं
मेरा हाँथ थाम कर बाहर ले आना !!
हमारे पास आकर दो लफ्ज़ कह जाना
इस जहाँ में कहाँ है वक्त किसी के पास
मगर तुम तो कुछ पल मेरे साथ बिताना
हमसफ़र हो तो साथ ही चलना
गैरों की तरह यूँ तन्हा न छोड़ना
कहतें हैं की अँधेरे में साया भी साथ छोड़ देता है
पर तुम ऐसे अंधेरों से मुझे बचाना
जब कभी निराशाओं से घिरुं मैं
मेरा हाँथ थाम कर बाहर ले आना !!
नमस्कार आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल रविवार (08-09-2013) के चर्चा मंच -1362 पर लिंक की गई है कृपया पधारें. सूचनार्थ
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर ग़ज़ल
ReplyDeleteNice one.
ReplyDeleteकहतें हैं की अँधेरे में साया भी साथ छोड़ देता है
ReplyDeleteपर तुम ऐसे अंधेरों से मुझे बचाना
जब कभी निराशाओं से घिरुं मैं
मेरा हाँथ थाम कर बाहर ले आना !!
बहुत सुन्दर प्रतिभा जी. बाहर के बदले बहार हो गया है.
Nice one.
ReplyDeleteसुन्दर ग़ज़ल....
ReplyDeleteअनु
कहतें हैं की अँधेरे में साया भी साथ छोड़ देता है
ReplyDeleteपर तुम ऐसे अंधेरों से मुझे बचाना
..........बहुत सुन्दर....
बहुत सुंदर गजल बढ़िया अभिव्यक्ति,,,
ReplyDeleteRECENT POST : समझ में आया बापू .
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुती।
ReplyDeleteसुन्दर रचना...
ReplyDelete:-)
डोंट वरी!!!सच्चे और अच्छे लोग, दोस्त हमेशा साथ निभायेंगे....नो मैटर व्हाट!! :) :)
ReplyDeleteसुंदर भाव !
ReplyDeleteकुछ मेरी सुन लेना कुछ अपनी कह जाना
ReplyDeleteफुरसत के कुछ पल साथ मेरे तुम बिताना
बहुत सुंदर
ReplyDeletebohat hi pyari rachna
ReplyDeleteसहारे की आशाएं ..
ReplyDeleteशुभकामनायें !
संवेदनशील भाव, सुंदर अभिव्यक्ति
ReplyDeleteक्या बात वाह! आभार
ReplyDeleteबढ़िया लिखा आपने | आपके ब्लॉग को ब्लॉग"दीप" में शामिल किया गया है | जरूर पधारें |
ReplyDeleteसुन्दर रचना! बढ़िया अभिव्यक्ति!
ReplyDeleteLatest post हे निराकार!
latest post कानून और दंड
बहुत खूब
ReplyDeletebhawon se bhari hui rachna ....
ReplyDeleteकहतें हैं की अँधेरे में साया भी साथ छोड़ देता है
ReplyDeleteपर तुम ऐसे अंधेरों से मुझे बचाना
prem bhare bhaav, achha laga padhna.
aap apne google+ mein 'blog ki id' likh dein blog tak pahunchna aasan ho jata hai:)
shubhkamnayen
सुन्दर प्रस्तुति। पढ़वाने के लिए शुक्रिया।
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