Saturday, September 16, 2006

मुशकिल,..

चलते हुऎ तुफ़ान को रॊक पाना है मुशकिल,
टूटॆ हुऎ शीशॆ को जोड पाना है मुशकिल,
दिल आपको याद करता है कितना,
कुछ पंक्तियॊं में लिख पाना है मुशकिल ।

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