Monday, July 22, 2013

अब क्या कहें तुमसे …

अब क्या कहें तुमसे
अब क्या सुने तुमसे

न छोड़ा तुमने
कुछ कहने और सुनने को

शिकवा अगर तुमसे करें
तो ये सही न होगा

क्योंकि गलती तो
हमारी भी रही होगी कहीं

आखिर क्यूँ दिया ये हक़
हमने किसी को

जो वो हमारी ज़िन्दगी
को जार - जार कर गया

दिखाकर एक सुहाना सपना
हमें बेपनाह  कर गया !!

Saturday, July 20, 2013

अगर तुम न होते …

अगर तुम न होते
तो न होती उम्मीदें
न होते कोई ज़ज्बात

अगर तुम न होते
तो न होती चाहतें
न होते कोई रिश्ते

अगर तुम न होते
तो न होती आशाएं
न ही होते ये सपने

अगर तुम न होते
तो न धड़कता ये दिल
न ही होता ये प्यार

अगर तुम न होते
तो न होते ये ज़ख्म
न ही होता ये दर्द

अगर तुम न होते
तो न होता ये रूश्वाई का मंज़र
न होते इस दिल के टुकड़े हज़ार !!




Thursday, July 18, 2013

ये दुनिया ...


ये दुनिया मतलब की दुनिया
न तेरी न मेरी ये  दुनिया

जहाँ न कोई तेरा न कोई मेरा
बस खुद की ख्वाहिशों में डूबी
ये दुनिया

बसा है आशियाँ घरौंदों का जहाँ
मतलबफरोशी इन्सानों
की दुनिया

कहें किसको  अपना नहीं है खबर
आँशुओं  में डूबे
आरमानों  की दुनिया

फिर रहा आदमी कुछ पाने की आश में
सपनों  में खोये
बासिंदों की दुनिया

ये दुनिया मतलब की दुनिया
न तेरी न मेरी ये  दुनिया!!!




Tuesday, July 16, 2013

उफ़ ये बारिश और तुम ...

उफ़ ये बारिश और तुम
बिना बताये आ जाते हो
कुछ तो समानता है तुम दोनों में

जहाँ बरस गए धीरे - धीरे कर
उसकी दुनिया
ही उजाड़ डालते हो
फिर तुम्हे फर्क नहीं पड़ता
किसी ने तुम्हे कितनी सिद्दत से चाहा

तुम्हारी तो बस आदत है
लोगों को  परेशां करना
उनकी भावनाओं से खेलकर
छोड़ देना

माना  कि  लोगों की
तुम चाहत हो
ज़रुरत हो
लेकिन इसका मतलब ये तो नहीं

कि  तुम उनकी
कदर न करो
लाख बर्बादी का मंज़र लाओ
लाख ज़लज़ला लाओ

पर ये इंसान भी अजीब चीज़
बनाई  है खुदा  ने
या इसको  ज़रुरत ही कुछ
ऐसी दी है ...

कि  चाह कर भी
तुम्हे भुला नहीं सकता
तुम्हारे बिना जी नहीं सकता !!


Tuesday, July 02, 2013

क्या लिखूं इस फादर्स डे पर...

समझ में नहीं आता क्या लिखूं 
इस फादर्स डे पर 
और किसके लिए लिखूं 

उस इंसान के लिए 
जो हमें कब का छोड़ गया 
बिना किसी गलती के 
बिना किसी गुनाह के 

क्या तुम थे इतने बेपरवाह 
इतने कमजोर 
जो मेरे साथ न रह सके 
इलज़ाम दूँ भी तो किसको 
तुमको या उस खुदा  को 

पर फिर लगता है 
तुमको भी तो उतनी ही 
तकलीफ हुई होगी 
जितनी हमें हुई 

तुम्हारे लिए भी 
आसन न रहा होगा
हमें छोड़ कर जाना 
तुमने भी की होगी 
उस खुदा  से लड़ाई

तुमने भी चाहा  होगा 
हमारे साथ 
ताउम्र रहना 
हमारे हर सुख -दुःख का 
भागीदार  बनना   

किससे  करूं  सिकवा 
किससे  क्या शिकायत 
आज तुम न सही 
तुम्हारी यादें तो हैं 

तुम्हारे साथ बिताये हुए 
हर लम्हें का एहसाह  तो है
हमारें दिलों में    
तुम्हारा  नाम  तो है 

करती हूँ ये वादा 
तुमसे मैं आज 
कभी न करुँगी 
तुमको उदास!!